
18 दिसंबर 2024 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। यह बयान भाजपा-नीत एनडीए और कांग्रेस-नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के बीच तीखी बहस का कारण बना। विवाद का केंद्र अमित शाह की डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बारे में की गई टिप्पणी रही, जिसे विपक्ष ने अंबेडकर की विरासत का अपमान बताया।
विवादित टिप्पणी
अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान जो बातें कहीं, उन्हें कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर के प्रति असम्मानजनक बताया। हालांकि, उनके बयान के सटीक शब्दों का अभी तक पूरी तरह खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये बातें अंबेडकर की सोच और योगदान के खिलाफ हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शाह की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे डॉ. अंबेडकर का “अपमान” बताया और गृह मंत्री से माफी की मांग की।
विरोध और प्रतिक्रियाएं
इस विवाद के चलते संसद परिसर में हंगामा हो गया। एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ने एक-दूसरे पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किए।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब संसद परिसर में झड़पें हुईं और कुछ मामलों में एफआईआर भी दर्ज की गई।
डॉ. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अमित शाह की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह भाजपा की अंबेडकर की विचारधारा के प्रति ऐतिहासिक विरोध को दर्शाता है। उन्होंने इसे भाजपा नेताओं द्वारा पहले भी व्यक्त की गई भावनाओं की पुनरावृत्ति बताया।
सरकार की प्रतिक्रिया
इस विवाद के बाद, केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) को डॉ. अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणियों वाले वीडियो को हटाने का निर्देश दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस वीडियो को हटाकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
निष्कर्ष
यह घटना भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे राजनीतिक संघर्ष को और तेज़ कर रही है। इस विवाद ने राष्ट्रीय नेता डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विरासत के सम्मान और ऐतिहासिक व्याख्या के मुद्दों को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों पक्ष इस विवाद को कैसे हल करते हैं और अंबेडकर की विचारधारा से जुड़े मुद्दों पर किस तरह से अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।