उबर और ओला के बाद झेप कैब एग्रीगेटर्स ऑनलाइन रेंटल स्पेस रेस के लिए कमर कस रहे हैं

कुछ वर्षों से, भारत के कैब बाजार में दो खिलाड़ियों – उबर और ओला का दबदबा रहा है। ओला की स्थापना के दो साल बाद 2013 में सैन फ्रांसिस्को-मुख्यालय उबर के भारत में प्रवेश करने के बाद से दोनों फर्मों का सामना करना पड़ रहा है।

अगस्त 2016 में जब ओला ने अपनी रेंटल सेवाएं शुरू कीं, तब उबर भी बहुत पीछे नहीं थी। इसने फरवरी 2017 में अपनी UberHIRE प्रति घंटा किराये की सेवा शुरू की। इन सेवाओं को व्यापार यात्रियों, पर्यटकों और वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया था।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय यात्री वाहन उद्योग निकट अवधि में “घरेलू टैक्सी खंड की मजबूत विकास क्षमता” पर सवार होने की संभावना है। लेकिन ओला और उबेर ऑनलाइन रेंटल मार्केट का एक पाई पाने के लिए एकमात्र कैब सेवा नहीं हैं।

झेप कॅब

अमरावती स्थित झेप कैब की स्थापना अप्रैल २०१० में कुणाल ढोके ने की थी। जब अमरावती शहर में ओला और उबर सर्विस मिलना मुश्कील था| इसी उदेश से कुणाल ने अपने शहर में झेप कैब की शुरवत की जो की शुरवती दिनो में वह सिर्फ एक टैक्सी सर्विस थी| आज अमरावती के कैब सेवा में झेप कैब का अपना एक अलग ही मुकाम है| जो की अमरावती वासियों का सफ़र सुखद बनाने में काफी महत्वपूर्ण है| २०१९ से इन्होने अपने ऐप लौच के बाद आज झेप कैब महाराष्ट्र के अमरावती, अकोला, चंद्रपूर. बुलढाणा, यवतमाळ, वर्धा, जळगाव, परभणी, नागपूर, पुणे, मुंबई ऐसे १५ शहरो में मौजूद है|

झेप कैब में लोकल, रेंटल, आउटस्टेशन और शेयरिंग/वनवे सेवाएं हैं| झेप कैब लोकल ८0 रुपये प्रति २.५ किलोमीटर की दर से शुल्क लेती है| रेंटल सेवा में आप घंटे के हिसाब से कैब बुक कर सकते है| आउटस्टेशन में आप भारत में कही भी जाने के लिए कैब बुक कर सकते है| शेयरिंग में आप अपने जर्नी को कम खर्चीला बना सकते है|

ओला और उबर जो को काफी फंडेड स्टार्टअप है वही झेप कैब अपनी ही जेब से लगाये गए फण्ड के ऊपर निर्भर करता है| कुनाल की माने तो उनका अगला टारगेट महाराष्ट्र की बाकि शहरो में विस्तार करने का है|

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